समाजवाद का महानायक पंचतत्व में विलीन, आम और खास ने भीगी आंखों से दी विदाई
लखनऊ, समाजवाद के महानायक मुलायम सिंह यादव आज पंचतत्व में विलीन हो गये। आम से लेकर खास ने भीगी आंखों से नेताजी को अंतिम विदाई दी। उनके पैतृक गांव सैफई में उनका अंतिम संस्कार हुआ।
मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार लाखों लोगों की उपस्थिति में उनके पैतृक गांव सैफई में हुआ। उनके पुत्र पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुखाग्नि दी। इस दौरान लोगों ने धरती पुत्र अमर रहें के नारे लगाए।
लगभग 4 बजे अखिलेश यादव ने पिता के पार्थव शरीर को मुखाग्नि दी। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। अंतिम संस्कार से पहले मुलायम सिंह यादव को अंतिंम सलामी दी गई। सोमवार सुबह गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उनका निधन हो गया था। वह पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे।
इससे पहले कल जब मुलायम सिंह यादव का पार्थिव शरीर जब सैफई पहुंचा तो हर आंख नम थी। नेताजी के आखिरी दर्शनों के लिए लोग पेड़ों तक पर बैठे थे ताकि देखने में परेशानी न हो। बहुत से लोग तो नेताजी के पार्थिव शरीर को ले जा रही गाड़ी को छूना भर चाहते थे।सैफई में मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार स्थल पर समर्थकों की भारी भीड़ जमा हो गई. लोग उनके अंतिम दर्शन पाने के लिए पेड़ों पर चढ़ गए. सैफई में भावनाएं उफान पर दिखीं। हवा में देर तक नेताजी अमर रहें, अमर रहें के नारे देर तक गूंजते रहे।
जब मुलायम सिंह यादव की कोठी पर पार्थिव शरीर पहुंचा तो परिवार के सभी सदस्य दिन भर उनके चरणों के पास बैठे रहे। देर रात जब आजम खान बेटे संग पहुंचे तो अखिलेश यादव, डिंपल और धर्मेंद यादव समेत परिवार के सभी सदस्यों की भावनाओं का ज्वार फट पड़ा, जिसे उन्होंने दिन भर साधे रखा था।
मंगलवार को पार्थिव शरीर को मेला ग्राउंड परिसर में रखा गया , जहां लाखों लोग जुटे। यहां लोगों की लगातार बढ़ती भीड़ को देखते हुए शिवपाल यादव ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की । इसके बावजूद लोग लगातार मंच चढ़ने की कोशिश करते रहे।
मुलायम सिंह यादव का पार्थिव शरीर जब अंतिम सफर के लिए निकला तो इस दौरान अखिलेश यादव, धर्मेंद्र यादव और प्रतीक यादव ने पार्थिव शरीर को कंधा दिया।सपा संस्थापक का दोपहर 3 बजे अंतिम संस्कार होना था लेकिन उससे पहले आम लोगों के साथ साथ, प्रदेश और देश के तमाम बड़े नेताओं के अलावा दूर-दूर से आम लोगों का भी हुजूम उमड़ पड़ा। सैफई में वाहनों को खड़ा करने तक की जगह नहीं बची। सैफई गांव को जाने वाली सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रही। यूं लगता है कि मानो हर बाइक, कार या कोई भी साधन नेताजी को श्रद्धांजलि देने वालों को ले जा रहा है।सैफई में मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार स्थल पर समर्थकों की भारी भीड़ जमा हो गई. लोग उनके अंतिम दर्शन पाने के लिए पेड़ों पर चढ़ गए.
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