देश में रोजगार सृजन में तेजी से वृद्धि हुई
नई दिल्ली, देश में रोजगार सृजन में तेजी से वृद्धि हुई है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी किए गए आंकड़ों द्वारा ये जानकारी मिली।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में औपचारिक रोजगार सृजन में तेजी से वृद्धि हुई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के नए ग्राहकों में पिछले साल की तुलना में वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 40.05 फीसद की वृद्धि हुई, जो नई नौकरियों के सृजन में उल्लेखनीय वृद्धि का संकेत है। औपचारिक कार्यबल में फिर से शामिल होने वाले कर्मचारियों में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में पहली तिमाही में 51 प्रतिशत और जून में 48.6 फीसद की वृद्धि हुई।
अप्रैल-जून की अवधि में नए ग्राहकों और फिर से कार्यबल में शामिल होने वाले शुद्ध रोजगार सृजन में 46 प्रतिशत और जून में 39 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। पहली तिमाही में पीएमआई सेवाओं का वित्त वर्ष 22-23 की पहली तिमाही में औसत 58.6 अंक रहा, जो पिछली तिमाही में 52.3 और पिछले साल की पहली तिमाही में 47.2 था। अर्थशास्त्रियों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था दोहरे अंकों में बढ़ी।
कर्मचारी भविष्य निधि उन प्रतिष्ठानों पर लागू होती है, जिनमें 20 से अधिक कर्मचारी होते हैं जिनकी वेतन सीमा 15,000 प्रतिमाह है। इस योजना की सदस्यता लेने वाले सदस्यों की संख्या से देश में रोजगार के स्तर का अंदाजा लगाती है। कर्मचारी राज्य बीमा निगम के तहत नए ग्राहकों की पहली तिमाही में 45 फीसद और जून में 48 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो रोजगार में वृद्धि का भी संकेत है। ईएसआईसी ऐसी प्रतिष्ठानों पर भी लागू होता है, जो 10 या अधिक श्रमिकों को रोजगार देते हैं और जिनकी वेतन सीमा 21000 रुपये प्रति माह है।
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