इससे पहले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सदस्य व भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय हरियाणा की पूर्व वाइस चांसलर प्रोफेसर सुषमा यादव को केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा का वाइस कुलपति बनाया गया . प्रोफेसर सुषमा यादव ने दिल्ली विश्वविद्यालय में चार दशक तक राजनीति विज्ञान का अध्यापन कार्य किया है. वह आईआईपीए में अम्बेडकर चेयर की चेयरपर्सन, इग्नू में प्रो वाइस चांसलर के अलावा व वर्तमान में यूजीसी की सदस्य भी हैं. डा सुषमा के नेतृत्व में कॉलेजों में प्रोफेसरशिप व शिक्षकों को पदोन्नति की राह आसान हुई.
प्रोफेसर सुषमा यादव का शैक्षिक जगत में काफी योगदान रहा है, वह लंबे समय से शिक्षा और उसमें होने वाले बदलावों में अपना सहयोग देती रही हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों की बालिकाओं को आगे बढ़ने के अवसर देना. साथ ही उच्च शिक्षा में नए-नए प्रयोगों को पाठ्यक्रमों में शामिल करने जैसे सुधार करने में उनकी अहम भूमिका रही है. इन्होंने लगभग एक दर्जन पुस्तकें और सैंकड़ों लेख लिखें हैं.
डा सुषमा यादव ने राजनैतिक और व्यक्तिगत हितों से ऊपर उठकर सामाजिक न्याय के लिए काम किया है. वह राष्ट्रीय मंचों पर दलित, पिछड़े वर्गों की आवाज मुखर होकर उठाती है. प्रोफेसर सुषमा राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सामाजिक न्याय के प्रश्नों को बेबाकी से रखती हैं.