लखनऊ, उत्तर प्रदेश में शीघ्र ही होने वाले यादव समाज के बड़े सम्मेलन के आयोजन हेतु शुरूआती तैयारी बैठक आज लखनऊ में संपन्न हो गई। जिसमें प्रदेश के सभी प्रमुख यादव संगठनों के पदाधिकारियों ने शिरकत की।
यादव समाज का प्रदेश स्तरीय जनजागृति सम्मेलन लखनऊ में आयोजित करने के उद्देश्य से आज लखनऊ के हजरतगंज स्थित एक होटल में प्रदेश के सभी प्रमुख यादव संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। जिसमें अहीर रेजीमेंट की मांग को लेकर भोपाल और राजस्थान की भांति लखनऊ में भी विशाल अहीर जन जागृति सम्मेलन के आयोजन हेतु योजना पर चिंतन मनन हुआ।
बैठक में भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट के गठन की मांग को एक स्वर से केंद्र और राज्य सरकार के सामने रखने, यादव समाज के उचित,मान ,सम्मान,स्वाभिमान एवम समग्र विकास के लिए पदाधिकारियों ने अपने विचार और सुझाव रखे।
कार्यक्रम के संयोजक आशुतोष अहीर ने आये हुये समाजसेवियों का स्वागत करते हुये कहा कि आज यादव समाज को एकजुट होकर सरकार से अहीर रेजीमेंट बनाये जाने की मांग पुरजोर तरीके से करनी है। इसीलिये मध्य प्रदेश , राजस्थान के बाद अब अहीर जन जागृति सम्मेलन उत्तर प्रदेश में आयोजित किया जा रहा है।
बैठक में शामिल होने राजस्थान से भी पदाधिकारी आए। राजस्थान से पधारे भारत यादव और मंजू यादव ने राजस्थान मे हुये सफल अहीर जनजागृति सम्मेलन की टिप्स शेयर कीं।
मेरठ से पधारे गगन यादव ने कहा कि अहीर रेजिमेंट हक़ है हमारा और हम इसे लेकर रहेंगे , ये बात हर यादव के दिल और दिमाग में बैठानी है।
यादव मंच से पधारे अनुराग यादव ने कहा कि आज की बैठक में बड़ी संख्या में युवाओं ने शामिल होकर यह साबित कर दिया कि समाज का युवा जाग चुका है। यादव समाज को एकजुट करने के लिये अहीर रेजीमेंट की मांग सबसे प्रभावशाली मुद्दा साबित होगा।
पत्रकार अमित यादव ने मौसम को ध्यान में रखते हुये सम्मेलन की तिथि पर विचार करने का सुझाव दिया। पत्रकार अनिल यादव राजनैतिक जागरूकता के साथ साथ सामाजिक जागरूकता पर बल दिया। वहीं समाजसेवी डीपी यादव ने समाज के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होने विशेष रूप से चौरीचौरा कांड में शहीद भगवान अहीर के विषय में बताया।
पूर्व विधायक शिव प्रसाद यादव ने कहा कि सामाजिक संगठन को प्रभावशाली बनाये जाने की जरूरत है, जबकि यादव समाज, यादव नेताओं को मजबूत बनाने मे लगा हुआ है। इससे समाज का विकास बाधित होता है।
पूर्व महाधिवक्ता राजबहादुर सिंह ने समाज की महान शख्सियतों पर एक पुस्तक के प्रकाशन की जरूरत बताई और कहा कि ये कार्यक्रम पूरी तरह गैर राजनैतिक होना चाहिये।