लखनऊ, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज विधायकों के साथ पैदल मार्च किया और सरकार देखती रह गई।
आज लखनऊ में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार गूंगी- बहरी हो गई है। युवाओं के पास रोजगार के अवसर नहीं हैं। गरीब बच्चों को फीस का संकट है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्रों का प्रदर्शन चल रहा है। कोई सुनवाई नहीं हो रही है। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले बढ़े हैं। एनसीआरबी के आंकड़े बढ़ गए हैं। आजम खान के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कराए गए हैं।
इन सभी मामलों को लेकर अखिलेश यादव ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया। सपा विधायक भी उनके पीछे चल दिए। इसके बाद सपा अध्यक्ष ने पैदल ही पार्टी कार्यालय तक जाने का निर्णय लिया। सदन से लेकर सड़क तक सपा कार्यकर्ताओं का जोरदार प्रदर्शन हुआ। और सरकार देखती रह गई।
पुलिस को इस पैदल मार्च की जानकारी नहीं थी। अचानक बने इस कार्यक्रम की जानकारी पुलिस प्रशासन को जानकारी मिली तो आनन-फानन में मार्च को सुरक्षा दी गई।
विधानसभा से पैदल सपा कार्यालय पहुंचे अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर जोरदार निशाना साधा। अखिलेश ने कहा कि सदन में जो मुद्दे उठने चाहिए और उन पर सरकार का जो जवाब आना चाहिए, वह नहीं आ पा रहा है। उन्होने प्रदेश में कानून व्यवस्था का मसला उठाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामले बढ़े हैं। राजनीतिक लोगों पर झूठे मुकदमे थोपे जा रहे हैं। महंगाई का मामला उठाते हुए अखिलेश ने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार ने क्या ठोस कदम उठाया, यह नहीं बताया जा रहा है। सदन की कार्यवाही को स्थगित किए जाने का मामला भी उन्होंने उठाया। अखिलेश ने कहा कि सदन को अधिक चलना चाहिए। लेकिन, इसे चार दिनों में क्यों स्थगित किया जा रहा है? हम हर विभाग के बजट के बारे में जानना चाहते हैं। उस विभाग ने काम क्या किया? यह जानना चाहते हैं। इस पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। बजट के इतने माह बीतने के बाद भी जिलों में बजट नहीं पहुंचा है। फिर, सदन में इस पर गंभीरता से चर्चा क्यों नहीं हो रही है।