RSS स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि संतोष यादव का संबोधन, बनाया एक और रिकार्ड
लखनऊ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस पर आयोजित दशहरा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पर्वतारोही संतोष यादव शामिल हुईं। उन्होने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सहित अन्य गणमान्यों की उपस्थिति में कार्यक्रम को संबोधित कर एक और नया रिकार्ड बनाया है।
संतोष यादव ने बताया कि मेरी प्रारंभिक शिक्षा गांव से हुई, मेरी शिक्षा का स्तर उतना ऊंचा नहीं था। मेरा दुनियादारी से बहुत अधिक संपर्क नहीं था। अक्सर यह संयोग होता कि लोग मुझसे पूछते कि तुम संघी हो क्या ? लोगों के इस सवाल का जवाब मैं बड़े भोले मन से देती थी कि वो (संघी) क्या होता है? आज किस्मत मुझे सर्वोच्च मंच पर लेकर आई है।
पर्वतारोही संतोष यादव ने कहा कि भारत की भूमि पर जन्मी हमारी सनातन संस्कृति है। संघ के एक-एक प्रचारक पूरी तरह से, पूरे सेवा भाव और विश्व कल्याण के लिए बहुत मेहनत से लगे हुए हैं। संतोष यादव ने कहा स्वयंसेवक सनातन संस्कृति के मूल मंत्र को पकड़े हुए हैं। भारत ही नहीं, पूरे विश्व के मानव समाज को मैं अनुरोध करना चाहती हूं कि वो आये और संघ के कार्यकलापों को देखें। यह शोभनीय है, एवं प्रेरित करने वाला है।
जेएनयू से जुड़े एक किस्से को बताते हुए संतोष यादव ने बताया कि एक बार जेएनयू में वह पर्यावरण के विषय पर बोल रही थीं। उस दौरान एक छात्रा ने सवाल किया कि हमें रामचरितमानस या गीता पढ़ने के लिए क्यों कहा जाता है? मैंने उससे पूछा कि क्या आपने इन पुस्तकों को पढ़ा है? तो छात्रा ने कहा कि नहीं। इसके बाद मैंने उस छात्रा से कहा कि फिर बिना पढ़े आप इन पुस्तकों को लेकर द्वेष क्यों पाल रही हैं? आप पहले इसे पढ़िए, सनातन संस्कृति सृजन की प्रेरणा देता है।
दशहरे का दिन संघ के लिए काफी अहम माना जाता है। दशहरे के ही दिन सन 1925 में आरएसएस की स्थापना हुई थी। ऐसे में हर साल इस मौके पर संघ के द्वारा मनाए जाने वाले कार्यक्रम में देश के गणमान्य लोगों को आमंत्रित किया जाता है। साल 1925 के बाद से इस कार्यक्रम में कोई पुरुष ही मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करता आया है, लेकिन पहली बार इसमें किसी महिला को मुख्य अतिथि बनाया गया है। और ये नया रिकार्ड पर्वतारोही संतोष यादव के हिस्से में जाता है।
संतोष यादव का जन्म हरियाणा के रेवाणी जिले में साल 1968 में हुआ। संतोष यादव पहली ऐसी महिला हैं, जिन्होंने दो बार माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की है। उन्होंने पहली बार मई 1992 और दूसरी बार मई 1993 में एवरेस्ट चोटी फतह की और ऐसा कर उन्होंने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। इसके अलावा संतोष कांगसुंग की तरफ से माउंट एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ने वाली दुनिया की पहली महिला भी हैं।
संतोष यादव को असाधारण काम के लिए साल 2000 में भारत सरकार ने चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया था। फिलहाल संतोष यादव भारत-तिब्बत सीमा पुलिस में पुलिस अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं।
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