स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महाशय तेजपाल यादव की मूर्ति का हुआ अनावरण

लखनऊ, स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर भाग लेने वाले स्व. महाशय तेजपाल की एक जीवंत आकार मूर्ति का गौतमबुद्ध नगर, सेक्टर- 73 के सर्फाबाद मे अनावरण किया गया। महाशय तेजपाल यादव पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं सांसद डी.पी. यादव के पिता हैं। इस अवसर पर, भारी संख्या में राजनैतिक , सामाजिक, संस्कृति एवं कला से जुड़ी विभूतियों ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुये महाशय तेजपाल यादव को श्रद्धांजलि अर्पित की।

समारोह को संबोधित करते हुये, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि महाशय तेजपाल सिंह जी का जीवन आने वाली पीढ़ियों को सदैव सेवा और सदाचार की प्रेरणा देता रहेगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने बताया कि आज से 39 वर्ष पूर्व जब मैंने राजनीति में सक्रिय सहभाग किया तब से लेकर आज तक डी० पी. यादव ने एक पारिवारिक सदस्य की तरह हमेशा मेरा सहयोग किया। बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने कहा डी.पी.यादव के साथ उनके संबंध पारिवारिक हैं और जब भी कभी मैंने उन्हें आवाज लगाई वो हमेशा मेरे साथ खड़े मिले और जब भी कभी उन्होंने मुझे याद किया, मैं तन–मन–धन से इस परिवार के साथ खड़ा रहा।

महाशय तेजपाल के जीवन और संघर्ष पर प्रकाश डालते हुए उनके बेटे डी.पी. यादव ने बताया कि महाशय तेजपाल ने 1942 में महात्मा गांधी द्वारा शुरू किए गए ’अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन’ के समय न सिर्फ क्षेत्र के लोगों को आंदोलन में भाग लेने हेतु प्रेरित किया। बल्कि अन्य जरूरी मदद प्रदान कर आंदोलन को मजबूत और सफल बनाने का काम किया। जिससे नाराज होकर जालिम अंग्रेज हुकूमत ने उन्हें बुलंदशहर जेल में कैद कर लिया और नाना प्रकार के लोभ और यातनाएं दी, लेकिन उनके साहस, मजबूत इच्छाशक्ति और प्रबल राष्ट्र प्रेम की भावना को रत्ती भर भी कमजोर न कर सके।

डी.पी. यादव ने बताया कि महाशय तेजपाल शिक्षा, विशेषकर कन्या शिक्षा के प्रबल पक्षधर थे। वो जानते थे कि अंग्रेजों की बरसों की गुलामी से आजाद होने के बाद असली स्वतंत्रता तभी प्राप्त होगी जब हम भारत के लोगों में अपनी भाषा, अपनी शिक्षा पद्धति और अपने संस्कारों के लिए निष्ठा पैदा होगी। इसी सोच के साथ उन्होंने सबसे पहले इस क्षेत्र में कन्याओं के लिए शिक्षण संस्थान शुरू करने की प्रेरणा दी। उन्होंने समाज में व्याप्त छुआछूत और अंध विश्वास जैसी कुरीतियों को लेकर भी व्यापक जन-जागरण अभियान चलाया और समाज को विज्ञान-सम्मत वैदिक चिंतन से जोड़ा। यह उनकी सोच, दूरदृष्टि और संघर्षों का ही परिणाम है कि आज हमारे क्षेत्र की लड़कियां पढ़ाई से लेकर खेल-कूद में देश-प्रदेश में अपना नाम रोशन कर रही हैं और क्षेत्र का गौरव बढ़ा रही हैं।

डी.पी. यादव ने कहा कि एक पुत्र, एक समाजसेवी होने के नाते मुझे खुशी है कि हम उनके सपनों को विभिन्न शिक्षण संस्थानों और अन्य कई सामाजिक उत्थान के कार्यक्रमों के माध्यम से आगे ले जा रहे हैं और एक शिक्षित, सभ्य और सुसंस्कृत समाज बनाने के महाशय तेजपाल जी के सपने को साकार करने की दिशा में सार्थक प्रगति कर रहे हैं। उन्होने इस कार्यक्रम में सम्मिलित सभी लोगों का धन्यवाद करते हुए अन्य क्षेत्रों में भी इसी प्रकार स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान और उनके व्यक्तित्व और संघर्षों के व्यापक प्रचार-प्रसार की अपील की।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से पूर्व मंत्री एवं प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव, पूर्व मंत्री अवधपाल सिंह यादव , पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं गौतम बुद्ध नगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा, उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज, पूर्व सांसद महाबल मिश्रा, दिल्ली भाजपा के उपाध्यक्ष सुनील यादव, पूर्व एमएलसी जितेंद्र यादव, राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी, पूर्व सांसद महाबल मिश्रा, विख्यात संत स्वामी आर्य वेश, स्वामी प्रणवानंद, जाने–माने फिल्म अभिनेता रंजीत, लोक गायक ब्रह्मपाल नागर आदि उपस्थित रहे।

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