पेरिस पैरालंपिक में छा गए यूपी के अजीत सिंह यादव

नई दिल्ली,उत्तर प्रदेश का एक जिला है इटावा। यहां के एक छोटे गांव से निकलकर दुनियाभर में अपने परिवार और भारत का नाम रौशन करने वाले पैरा एथलीट अजीत सिंह यादव उन लोगों के लिए मिसाल हैं, जो अपनी जिंदगी में अनचाहे हादसे को कोसते रहते हैं और आगे नहीं बढ़ते हैं।

पैरालंपिक खेल में अजीत सिंह ने F46 कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता। अजीत यादव ने 65.62 मीटर के थ्रो के साथ देश को मेडल दिलाया। उनका यह मेडल उनके खास दोस्त अंशूमन सिंह के लिए भी जश्न मनाने का बड़ा मौका है। अंशूमन की जान बचाने की कोशिश में ही अजीत यादव को अपना हाथ खोना खड़ा। आज एक ही हाथ से जैवलिन थ्रो करके उन्होंने पैरालंपिक के पोडियम तक का सफर तय किया।

2017 में घटी एक घटना में दोस्त की जान को बचाते हुए वो एक बड़े हादसे का शिकार हो गए। दरअसल, उनका हाथ ट्रेन की चपेट में आकर कट गया था। अजीत सिंह के बाएं हाथ का कोहनी से नीचे का हिस्सा नहीं है। हादसे के बाद उनका इलाज हुआ। उनका रिहैब चला और सिर्फ 4 महीने बाद ही साल 2018 में हरियाणा के पंचकूला में हुए पैरा एथलेटिक्स जूनियर नेशनल में उन्होंने हिस्सा लिया। और, यहीं से उनके शानदार सफर की कहानी शुरू हुई।

साल 2019 में अजीत सिंह यादव को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का मौका मिला। उन्होंने बीजिंग (चीन) में आयोजित 7वीं विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्री में भाग लिया था। इस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा। अजीत यही नहीं रुके, साल 2019 में उन्होंने दुबई में आयोजित विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, जहां उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। हालांकि, वो टोक्यो में मेडल नहीं जीत पाए थे लेकिन पेरिस में उन्होंने शानदार वापसी की

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